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Saturday, 5 October 2019

October 05, 2019

Bad food products for health in hindi

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हेल्थ फूड्स -

आजकल मार्केट में बहुत से हेल्थ फूड्स बिक रहे हैं। जो लोग बड़े चाव से खरीदते हैं और उनका सेवन करते हैं। हम आपको बता दें की बाजार में उपलब्ध हेल्थ फूड्स सेहत के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको केवल उन हेल्थ फूड्स के बारे में बताएंगे जो आपको अपने जीवन में कभी भी नहीं खाने चाहिए।
                 
Bad food products

              क्या आपको पता है कि जो भी तथाकथित पौष्टिक खाद्य पदार्थ आप प्रतिदिन खातें हैं वे वास्तव में पौष्टिक नहीं हैं? हम आपको ऐसे पौष्टिक पदार्थों के बारे में बताएंगे जिनका सेवन आपको कदापि नहीं करना चाहिए क्योंकि ये स्वास्थ्य को लाभ से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
            हम उस दौर में जी रहें हैं जहां खाना हमें जल्द से जल्द चाहिए। हमारी दैनिक डाइट की सबसे ज्यादा भरपाई प्री-पैक्ड फूड करता है। हम सब प्रोसेस्ड क्विक फूड पर निर्भर हो गए हैं, जो हमें घर में बने खानों से दूर कर रहा है। फिर भी कुछ लोग इस विषय पर बहस कर सकते हैं कि पैक्ड भोज्य पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और ये स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इनमें एक बात जो हम पूरी तरह से अनदेखा कर देते हैं वह है पोषक मान। एक बार जब आप तथाकथित पौष्टिक खाद्य पदार्थ का पौष्टिकता के आधार पर विश्लेषण करने लगेंगे तब आपको समझ आएगा कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए और financially भी कितना नुकसानदायक है।

          आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही मार्केट में उपलब्ध हेल्थ फूड्स की जानकारी लेकर आए हैं। यह देखते हैं कौन-कौन से वे फूड product हैं -
           
कृत्रिम स्वीटनर्स - 
                           कृत्रिम स्वीटनर बहुत ही नुकसानदायक फूड प्रोडक्ट है। अगर आप सोचते हैं कि रेगुलर चीनी को कृत्रिम स्वीटनर से बदल कर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रहें हैं तो आप अपने जीवन में मुसीबत को गले लगा रहे हैं। कृत्रिम स्वीटनर्स स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा खतरा है जो कृत्रिम निर्माता द्वारा फैलाया जा रहा है। वे आपकी दैनिक चीनी की जगह ऐस्पार्टेम या सुक्रैलोज़ का इस्तेमाल करते हैं। ये कृत्रिम स्वीटनर्स न्युरोलॉजिकल डैमेज, जठरांत्र और अंत: स्रावी प्रक्रिया को खराब कर देते हैं। इन पर निर्भर रहने के बजाए, आप अपने डाइट से चीनी को पूरी तरह से हटा दें। 

मल्टीग्रेन आटा - 
                         आजकल बहुत से लोग मल्टीग्रेन आटे का अधिक सेवन करते हैं। क्या आप जानते हैं पैक्ड मल्टीग्रेन आटा घरेलू नाम हो गया है और ये बाज़ार में भिन्न-भिन्न प्रकार में उलब्ध है। लेकिन इनमें ज्यादातर मल्टीग्रेन नहीं होते हैं जैसा कि वे दावा करते हैं। यह हमेशा सलाह दी जाती है कि पैकेट पर लिखे तत्वों को ध्यान से पढ़ें। इसमें संपूर्ण व्हीट सबसे ऊपर प्रमुख तत्व के रूप में होना चाहिए और इसके बाद ही दूसरे तत्व होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो आप समझ लीजिए कि आपको साधारण आटे का मिश्रण दिया जा रहा है जो कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है। घर पर बना मल्टीग्रेन आटा ज्यादा स्वास्थ्यकर होता है और बाजार में उपलब्ध आटों से सस्ता भी तो आज से ही बाजार से उपलब्ध मल्टीग्रेन आटे का त्याग करें।

मार्जरीन - 
                 क्या आपको पता है मार्जरीन भी बहुत ही नुकसानदायक फूड प्रोडक्ट है। बहुत लोग अपने रेगुलर बटर को इस भरोसे मार्जरीन से बदलना शुरू कर रहे हैं कि यह एक स्वास्थ्यकर विकल्प है। लेकिन एक बात जो वे नहीं जानते हैं वह यह है कि मार्जरीन हाइड्रोजनीकृत ट्रांस-फैट ऑइल से बना होता है जो स्वास्थ्य के लिए अस्वास्थ्यकर होता है। मार्जरीन के निरंतर सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को कम कर देता है। यह तथाकथित स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों में से एक है जिससे आपको बचना चाहिए।

माइक्रोवेवेबल पॉपकॉर्न - 
                                    पॉपकॉर्न सभी खाते हैं परंतु माइक्रोवेवेबल पॉपकॉर्न शरीर के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो सकते हैं। अपनी पसंदीदा मूवी देखते हुए पॉपकॉर्न चबाना अपनी भूख को शांत करने के लिए बेहतरीन उपाय लगता है, पर क्या यह स्वास्थ्यकर है? माईक्रोवेवेबल पॉपकॉर्न जिस पर हम बहुत अधिक भरोसा करते हैं वे जेनीटिकली मॉडीफाइड कॉर्न केर्नेल्स है जो नमक और प्रिज़रवेटिव्स से प्रॉसेस्ड होते हैं। इनका स्वाद अच्छा होता है पर इनमें उच्च स्तर के सोडियम होते हैं। एक रसायण जिसे डायसेटल कहते हैं माईक्रोवेवेबल पॉपकॉर्न में पाया जाता है जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। और हां यह ना भूलें की इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें नुकसानदायक बटर और कृत्रिम सामग्री मिलाते हैं।

बाजार में उपलब्ध फ्रूट जूस पैकेट - 
                                                  बाजार में उपलब्ध फ्रूट जूस के पैकेट भी स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो सकते हैं। सभी पैक्ड फ्रूट जूस में शुगर और प्रिज़रवेटिव्स अधिक मात्रा में मिलाए जाते हैं जिसकी वजह से इसका स्वाद बढ़ जाता है और इसकी लाइफ भी बढ़ जाती है। ये आपकी सेहत और जेब दोनो के लिए ठीक नहीं है। इसलिए इस तरह के जूस पीने से अच्छा है आप संपूर्ण फल पर ध्यान केंद्रीत करें। फलों के फायदों की तुलना किसी भी विकल्प के साथ नहीं की जा सकती है। इस प्रकार ना सिर्फ आप जूस के स्वाद का लुफ्त उठाएंगे बल्कि इनमें होने वाले पौष्टिक तत्वों का लाभ भी लेंगे।

फ्रोजन मांस - 
                      बर्गर के लिए फ्रोज़ेन चिकेन पैटीज या कोर्मा के लिए मीट बॉल खरीदने से आपके किचन का काम भले ही कम हो जाता है पर इसकी वजह से आपकी डाइट में प्रिज़रवेटिव्स तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। फैक्टरी में बनाये गये फ्रोज़ेन मीट और मील्स में बहुत अधिक प्रिज़रवेटिव्स, हाइड्रोजिनेटेड ऑइल्स और दूसरी कृत्रिम सामग्रियां मिलायी जाती हैं जोकि सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए फ्रोज़ेन मीट की जगह आप ताज़ा मीट लाएं और घर पर ही रेफ्रिजरेट कर लें।

मिक्स आईस टी - 
                           आजकल सभी लोग मिक्स आई टी पीने के शौकीन होते हैं। आपकी प्यास को बुझाने वाला आईस टी मिक्स पॉउडर, रेगूलर कोला के कैन की तरह अस्वास्थ्यकर होता है। ये चीनी से भरा होता है जो की उच्च फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप, प्रोसेस्ड शुगर और कृत्रिम फ्लेवर्स से आता है जो कि आपके शरीर के लिए ठीक नहीं है। घर पर ही आईस टी बनाना बेहतर होता है और इसका ताज़ा और अपनी पसंदीदा समर ड्रिंक का हेल्दी वर्जन का लुप्त उठाने के लिए इसे रेफ्रिजरेट करें।
                   अब आप जान गएं होंगे कि कौन से हेल्दी फूड्स आपकी दैनिक डाइट में सबसे ज्यादा योगदान करते हैं, आशा करते हैं कि आप हेल्दी खाना खाएंगे और जब आप दैनिक राशन लाने जाएं तो बेहतर विकल्प पसंद करेंगें।
       
            अगर आप आज से ही इन फूड प्रोडक्ट्स को अवॉइड करते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा आप हमें कमेंट करके अवश्य बताएं और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों में शेयर करें जिससे उनको भी यह जानकारी प्राप्त हो सके।
          

Wednesday, 13 March 2019

March 13, 2019

All government schemes of India in Hindi

भारत की सभी सरकारी योजनाएं -


भारत सरकार अनेक सरकारी योजनाएं निकालती रहती है परंतु हम में सेे इन सरकारी योजनाओं केेे बारे में कम ही लोग जानतेे हैं। आज हम आपको भारत सरकार द्वारा निकाली गई सभी सरकारी योजनाओं के बारे में बताएंगे। जो हर व्यक्ति को इन योजनाओं केेे बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। अगर आप विद्यार्थी हैं और आप सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं तो आप की आगामी परीक्षाओं के लिहाज से भी अत्यंत उपयोगी साबित होगी। आप लोगों ने बहुत सी वेबसाइटों को सरकारी योजनाएं खोजने के लिए देखा होगा परंतु सभी योजनाएं एक साइट पर मुश्किल से उपलब्ध हो पाती हैं। इसलिए आप सभी के लिए हम इस साइट पर सभी सरकारी योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

        ध्यान दें सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों केे लिए प्रतियोगिता परीक्षा की दृष्टि से कुछ योजनाओं पर (*) स्टार अंकित किया गया है। यह योजनाएं बहुत महत्वपूर्ण है।

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Government schemes of India


 1.  प्रधानमंत्री जन धन योजना*

 2.  प्रधानमंत्री आवास योजना

 3.  प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना*

 4.  प्रधानमंत्री मुद्रा योजना*

 5.  प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

 6.  प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना

 7.  अटल पेंशन योजना*

 8.  प्रधानमंत्री जन औषधि योजना

 9.  राष्ट्रीय संस्कृृति महोत्सव

10. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना*

11. प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना

12. प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना

13. सांसद आदर्श ग्राम योजना*

14. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना*

15. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना

16. पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना

17. मेक इन इंडिया*

18. स्वच्छ भारत अभियान*

19. किसान विकास पत्र

20. सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम*

21. डिजिटल इंडिया*

22. स्किल इंडिया*

23. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना*

24. मिशन इन्द्रधनुष*

25. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना*


26. प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना (इंदिरा आवास योजना का बदला हुआ नाम)

27. उन्नत भारत अभियान

28. टी बी मिशन 2020*

29. धनलक्ष्मी योजना

30. नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम

31. गंगाजल डिलीवरी स्कीम

32. प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान*

33. विद्यांजलि योजना

34. स्टैंड अप इंडिया लोन स्कीम

35. ग्राम उदय से भारत उदय अभियान

36. सामाजिक अधिकारिता शिविर

37. रेलवे यात्री बीमा योजना*

38. विद्यालक्ष्मी लोन योजना

39. मिशन भागीरथ (तेलंगाना में)*

40. अटल मिशन फॉर रेजुवेनशन एंड*
अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत योजना)


41. स्वदेश दर्शन योजना

42. पिल्ग्रिमेज रेजुवेनशन एंड स्पिरिचुअल

43. ऑग्मेंटशन ड्राइव (प्रसाद योजना)

44. नेशनल हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड
ऑग्मेंटशन योजना (ह्रदय योजना)

45. उड़ान स्कीम

46. नेशनल बाल स्वछता मिशन

47. वन रैंक वन पेंशन (OROP) स्कीम*

48. स्मार्ट सिटी मिशन

49. गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम*

50. स्टार्टअप इंडिया, स्टन्डप इंडिया*

51. डिजिलोकर

52. इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम

53. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन

54. सागरमाला प्रोजेक्ट*

55. ‘प्रकाश पथ’ – ‘वे टू लाइट’*

56. उज्वल डिस्कॉम असुरन्स योजना

57. विकल्प स्कीम

58. नेशनल स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च स्कीम

59. राष्ट्रीय गोकुल मिशन

60. पहल – डायरेक्ट बेनिफिट्स ट्रांसफर फॉर LPG (DBTL) 
कंस्यूमर्स स्कीम*

61. नेशनल इंस्टीटूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति आयोग)

62. प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना

63. नमामि गंगे प्रोजेक्ट*

64. सेतु भारतं प्रोजेक्ट

65. रियल एस्टेट बिल 

66. क्लीन माय कोच*

67. ऊर्जा गंगा*

68. सौर सुजाला योजना

69. एक भारत श्रेष्ठ भारत*

70. शहरी हरित परिवहन योजना (GUTS)

71. प्रधान मंत्री युवा योजना

72. भारत नेशनल कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP)

73. ग्राम उदय से भारत उदय अभियान*

74. सामाजिक अधिकारिता शिविर*

75. स्वयं प्रभा

   उम्मीद है आप को अब सभी योजनाओं के बारेे में जानकारी प्राप्त हो गई होगी।






Thursday, 28 February 2019

February 28, 2019

ICC All New T20 Ranking 2019 in Hindi

ICC - संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019

आईसीसी संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019, आईसीसी संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019 हिंदी में
ICC संपूर्ण ताजा T20 रैंकिंग 2019


भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी

आईसीसी संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019, आईसीसी चैंपियन नई T20 रैंकिंग 2019 हिंदी में
ICC संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019



  • के एल राहुल ने वापसी करते हुए गुरूवार को जारी ताजा आईसीसी टी-20 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रैंकिंग में शीर्ष 10 बल्लेबाजों की सूची में शामिल एकमात्र भारतीय हैं और अफगानिस्तान के हजरतुल्लाह जजाई 31वें पायदान की छलांग से करियर के सर्वश्रेष्ठ सातवें स्थान पर पहुंच गए हैं। राहुल ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ समाप्त हुई दो मैचों की टी-20 सीरीज में 47 और 50 रन बनाकर शानदार वापसी की। इससे पहले वह चैट शो विवाद के बाद खराब दौर से जूझ रहे थे। उन्होंने चार पायदान की छलांग लगाई जिससे वह 726 अंक लेकर छठे स्थान पर पहुंच गए।


जिन भारतीय बल्लेबाजों को रैंकिंग में फायदा मिला है, उनमें शीर्ष रैंकिंग पर रह चुके विराट कोहली दो पायदान के लाभ से 17वें जबकि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सात पायदान की छलांग से 56वें स्थान पर पहुंच गए हैं। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह 12वें पायदान के फायदे से 15वें स्थान और बाएं हाथ के स्पिनर क्रृणाल पंड्या 18वें पायदान के फायदे से करियर के सर्वश्रेष्ठ 43वें स्थान को भी फायदा मिला है।
               आपको बता दें कुलदीप यादव को दो पायदान का नुकसान होने से वो चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं।

ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट खिलाड़ी

आईसीसी संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019, आईसीसी संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019 हिंदी में
ICC संपूर्ण नई T20 रैंकिंग 2019


          ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ियों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल भारत के खिलाफ सीरीज में शानदार बल्लेबाजी से दो पायदान के फायदे से तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। एक साल पहले इस टी 20 प्रारूप में शीर्ष रैंकिंग पर रहने वाले इस बल्लेबाज ने 56 और नाबाद 113 रन की पारी खेली जिसके बदोलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर 2-0 से जीत हासिल कर ली है। ऑस्ट्रेलिया ने 2007 टी-20 विश्व कप चैम्पियन भारत के खिलाफ एक दशक में सीरीज की पहली जीत दर्ज करने में सफल रहे।    
           ऑस्ट्रेलिया के लिए डार्सी शॉर्ट को आठ पायदान का फायदा मिला है जिसके कारण वह बल्लेबाजों की सूची में आठवें स्थान पर पहुंच गए हैं और नाथन कुल्टर नाइल गेंदबाजों की सूची में चार पायदान ऊपर चढ़कर 45वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने भारत के खिलाफ इस सीरीज में चार विकेट चटकाए थे। जो इस प्रकार है- पहले मैच में 26 रन देकर तीन विकेट चटकाए थे जिसके कारण उनको पहले मैच में मैन ऑफ द मैच चुना गया था और दूसरेेे मैच में मात्र एक विकेट लिया था।

अफगानिस्तान क्रिकेट खिलाड़ी


अब जानते हैं अफगानिस्तान के बारे में अफ़गनिस्तान के हजरतुल्लाह जजई की बदौलत अफगानिस्तान ने आयरलैंड पर सीरीज में 3-0 से जीत दर्ज की और इस सीरीज के दौरान जजई ने कुल 204 रन बनाए ऐसा करने से जजई को सीधा 31 पायदान का फायदा पहुंचा है जिससे वह करियर के सर्वश्रेष्ठ सातवें स्थान पर पहुंच गए हैं। इस सीरीज में उन्होंने नाबाद 162 रन की पारी खेली जो टी-20 अंतरराष्ट्रीय में दूसरा सर्वोच्च स्कोर है।
इसके अलावा अफगानिस्तान के मोहम्मद नबी ने 12 पायदान की छलांग लगाई जिसके कारण वह 30वें स्थान पर पहुंच गए हैं और उस्मान गनी 25 पायदान की छलांग के साथ 79वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
                         आईसीसी पुरूष टी-20 टीम रैंकिंग में भारत ने अपना दूसरा स्थान कायम रखा है जबकि ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को पछाड़कर तीसरा स्थान हासिल कर लिया है और वह भारत से केवल दो अंक के अंतर पर है। अफगानिस्तान अपने आठवें स्थान पर और आयरलैंड अपने 17वें स्थान पर काबिज हैं। पाकिस्तान की टीम 135 अंक लेकर भारत से 13 अंक शीर्ष पर काबिज है। पाकिस्तान टीम को भी फायदा हुआ है।

Thursday, 7 February 2019

February 07, 2019

Political Science Notes in Hindi About President

                          भारत का राष्ट्रपति 


भारतीय राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है। भारत के राष्ट्रपति का भारतीय होना आवश्यक है। भारत के राष्ट्रपति में सभी कार्यपालक शक्तियां निहित होती हैं। राष्ट्रपति देश का कार्यपालक अध्यक्ष होता है। संघ के सभी कार्यपालक कार्य राष्ट्रपति के नाम से ही होते हैं। भारतीय राष्ट्रपति सशस्त्र सेनाओंं का सेनापति होता है। भारतीय राष्ट्रपति सभी आपातकाल लगाने या हटाने की घोषणा करता है और युद्ध या शांति की घोषणा करता है।
                         
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अनुच्छेद 52 - भारत गणराज्य का एक राष्ट्रपति होगा।

अनुच्छेद 53 - भारत के राष्ट्रपति में संघ की सभी कार्यपालक शक्तियां राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इनका प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या अधीनस्थ अधिकारियोंं के माध्यम के द्वारा करेगा।

राष्ट्रपति का चुनाव - 

भारत के राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया से चुने जातेे हैं।भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय पद्धति के द्वारा होता है।
अनुच्छेद 54 - निर्वाचन मंडल में यह सदस्य शामिल होते हैं।
(अ) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य,
(ब) राज्य के विधानसभा एवं विधान परिषदों के निर्वाचित सदस्य,
(स) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, सभी केंद्र शासित प्रदेश और पुडुचेरी के विधानसभा के निर्वाचित सदस्य

राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया - 

भारत के राष्ट्रपति के चुनाव संबंधी उपबंध अनुच्छेद 55 में और राष्ट्ररपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 में दिए गए हैं। जो बाद में 1974 में संविधान में संशोधित हुए, संविधान के अनुच्छेद 55 में गई प्रक्रिया इस तरीके से हैै - एक विधायक के मत का मूल्य = राज्य की कुल जनसंख्या / कुल निर्वाचित विधायकों की संख्या * 1000
इसका अर्थ है की एक राज्य के विधायक के मत का मूल्य किसी अन्य राज्य के विधायक के मत के मूल्य से अलग हो सकता है। यह जनसंख्या केेेे संबंध में बराबर प्रतिनिधित्व देने के लिए किया गया है।

राष्ट्रपति के लिए योग्यताएं - 
(क) वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
(ख) वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
(ग) वह लोकसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।
(घ) वह भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर आसीन ना हो, वह दिवालिया या पागल ना हो।

अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया - 

राष्ट्रपति को उनका कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व महाभियोग की प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है। 

राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रक्रिया तभी चलाई जा सकती है जब राष्ट्रपति द्वारा संविधान का उल्लंघन किया गया हो।

राष्ट्रपति पर महाभियोग एक अर्ध न्यायिक प्रक्रिया होती है।

राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया संसद मेंं किसी भी सदन द्वारा शुुरू की जा सकती है इस प्रस्ताव पर उस सदन के कुल सदस्योंं का न्यूनतम एक चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर अवश्यय होने चाहिए।

ऐसा प्रस्ताव पास करने से 14 दिन पूर्व राष्ट्रपति को नोटिस उपलब्ध करवाना आवश्यक है, यह प्रस्ताव उस सदन के सदस्यों की संख्या का दो तिहाई बहुमत से पारित होना अति आवश्यक है। 
संसद का दूसरा सदन जिसे जांच सदन कहा जाएगा आरोपों की जांच करेगा।

राष्ट्रपति को इसमें प्रस्तुत हो कर अपना प्रतिनिधित्व करने का अधिकार होगा।

यदि दूसरा सदन आरोपों को सही पाता है और महाभियोग प्रस्ताव को दो - तिहाई बहुमत से पारित कर देता हैै तो राष्ट्रपति को उसी तिथि से अपने पद से हटना होगा।

कार्यकारी राष्ट्रपति द्वारा पद रिक्तता को भरना - 

(अ) उप राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में यदि राष्ट्रपति की मृत्यु, पद त्याग या महाभियोग के कारण पद खाली हो जाता है तो सर्वोच्च  न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और उनकी अनुपस्थिति में सर्वोच्चच न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश नए चुनाव संपन्न होने तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप मेंं कार्य करेंगे।

(ब) वर्तमान राष्ट्रपति के अनुपस्थिति बीमारी या अन्य कारणोंं से अपनेेे पद पर कार्यों को करने में असमर्थ हो तो ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति पुनः पद ग्रहण करनेेे तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेंगे तथा उपराष्ट्रपति संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के वेतन, भत्ते, सुविधाएं लेने के हकदार होंगे।

राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां - 

1. राष्ट्रपति संसद का संयुक्त अधिवेशन बुला सकता है तथा उसको स्थगित कर सकता है, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्री परिषद की सलाह पर लोकसभा को भंग कर सकता है।

2. राष्ट्रपति प्रत्येक वर्ष संसद के प्रथम अधिवेशन को संबोधित कर  सकता है।

3. संसद द्वारा पारित सभी विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति के बाद ही कानून रूप ले सकता है। 

4. राष्ट्रपति किसी भी बिल को संसद केेे पास पुनर्विचार के लिए भेज सकता है।

5. राष्ट्रपति पॉकेट वीटो की शक्ति का प्रयोग करते हुए विधेयक को अपनी अनुमति के लिए असीमित समय के लिए अपने पास रोक सकता है।


राष्ट्रपति की वित्तीय शक्तियां - 

1. धन विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से ही संसद में पेश किया जा सकता है।

2. राष्ट्रपति वार्षिक बजट और पूरक बजट को संसद के समक्ष रखता है।

3. राष्ट्रपति प्रत्येक 5 वर्ष में एक वित्त आयोग नियुक्त करता है।

राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां - 

1. राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करताा है और राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है।

2. न्यायाधीश को राष्ट्रपति पदच्युत कर सकता है, यदि संसद केेेे दोनों सदनों केेेे उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करते हैं।

3. राष्ट्रपति को क्षमादान देने का अधिकार है, राष्ट्रपति किसी भी मृत्युदंड को निलंबित, माफ या परिवर्तित कर सकता है।

राष्ट्रपति की कूटनीतिक शक्तियां - 

1. सभी अंतरराष्ट्रीय संधियां और समझौते राष्ट्रपति के नाम पर ही किए जाते हैं। 

2. राष्ट्रपति औपचारिक कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय मंचों के मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।

3. राष्ट्रपति राजदूतों एवं उच्चायुक्त को बुलाता है और भेज सकता हैै।

Sunday, 3 February 2019

February 03, 2019

Indian National Congress Important facts in Hindi

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

        

       भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बहुत से महत्वपूर्ण तथ्य हैं, जो हर प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे जाते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित सभी तथ्यों को हमें जानना अति आवश्यक है। राजनीति विज्ञान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का टॉपिक अति महत्वपूर्ण है।

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               भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण तथ्य

 --  ए ओ ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय संघ की स्थापना 1884 में की थी।

 --  ए ओ ह्यूम का पूरा नाम एलेन ऑक्टेवियन ह्यूम था।

 --  भारतीय राष्ट्रीय संघ का प्रथम अधिवेशन मुंबई में हुआ था।

 -- ‌ भारतीय राष्ट्रीय संघ का अधिवेशन 28 दिसंबर 1885 को हुआ था और इसी अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय संघ का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रखा गया था।

 --  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम दादा भाई नौरोजी की सिफारिश से किया गया था।

 --  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W C Banarji) ने की थी।

 --  प्रथम अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों नेेेे भाग लिया था।

 --  1885 में ए ओ ह्यूम को कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया था।

 -- ‌ ए ओ ह्यूम कांग्रेस के महासचिव के रूप में 1906 तक रहे।

 -- ‌‌‌ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन 1886 में कोलकाता में हुआ।

 --  दूसरे कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता दादा भाई नौरोजी ने की थी।

 --  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का तीसरा अधिवेशन 1887 में मद्रास में संपन्न हुआ।

 --  तीसरेेेे कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयबजी ने की थी।

 --  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का चौथा अधिवेशन 1888 में इलाहाबाद में हुआ था।

 --  चौथे कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता जॉर्ज यूल ने की थी।

 --  जॉर्ज यूल एकमात्र विदेशी अध्यक्ष्ष थे।

 --  ए ओ ह्यूम को 27 वे अधिवेशन 1912 में कांग्रेस का पिता कहा गया था।

 --  कांग्रेेस अधिवेशन 1917 कलकत्ता में हुआ था और इस अधिवेशन की अध्यक्षता प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमती एनी बेसेंट ने की थी।

 --  कांग्रेस अधिवेशन 1925 कानपुर में हुआ था और इस अधिवेशन की अध्यक्षता प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू ने की थी।

 --  कांग्रेस अधिवेशन 1896 कोलकाता में हुुआ था और इस अधिवेशन में बंकिमचंद्र चटर्जी ने प्रथम बार वंदे मातरम गाया था।

 --  कांग्रेस अधिवेशन 1911 कोलकाता में हुआ था और इस अधिवेशन में प्रथम बार जन गण मन राष्ट्रगान गाया था।

 --  कांग्रेस अधिवेशन 1906 कोलकाता में हुुआ था और इस अधिवेशन में प्रथम बार स्वदेश शब्द का प्रयोग हुआ था।

 --  कांग्रेस अधिवेशन 1907 सूरत में हुआ था और इस अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन दो भागों में हुआ था। गरम दल और नरम दल।

 --  कांग्रेस अधिवेशन 1923 दिल्ली में हुआ था और इस अधिवेशन की अध्यक्षता सबसे युवा अध्यक्ष अबुल कलाम आजाद ने की थी।

 --  कांग्रेस अधिवेशन 1916 लखनऊ में हुआ था और इस अधिवेशन में मुस्लिम लीग समझौता हुआ था।

 --  लाहौर अधिवेशन 1929 में पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई थी और इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।

 --  1931 के कराची अधिवेशन में सर्वप्रथम मौलिक अधिकारों की मांग की गई थी और इस अधिवेशन की अध्यक्षता सरदार वल्लभभाई पटेल ने की थी।
 --  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का स्वतंत्रता से पूर्व अंतिम अधिवेशन 1946 मेरठ में हुआ था।
     
                        भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के यह महत्वपूर्ण तथ्य सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण है।

Friday, 1 February 2019

February 01, 2019

Political Science Notes in Hindi

भारतीय संविधान के 22 भाग हैं।

         प्रतियोगिता परीक्षाओं की दृष्टि से भारतीय संविधान एक महत्वपूर्ण टाॅॅॅपिक है। भारतीय संविधान में से हर प्रतियोगिता परीक्षा में 8 से 10 प्रश्न अवश्य पूूछे जाते हैं। हमने पिछले आर्टिकल में भारतीय संविधान की अनुसूचियां पूर्ण की थी। अब हम भारतीय संविधान के 22 भागों को जानेंगे।
                   
Political Science Notes in hindi, Political Science Important Questions
Political Science Notes in hindi

 भाग 1- इस भाग में अनुच्छेद 1 से अनुच्छेद 4 तक आते हैं।
              इसमें भारत की स्थापना, प्रवेश, भारत में नए राज्योंं का निर्माण, भारत का संपूर्ण राज्य क्षेत्र आता है।

 भाग 2 - इस भाग में अनुच्छेद 5 से अनुच्छेद 11 तक आते हैं।
               यह भारत की नागरिकता सेेे संबंधित है।

 भाग 3 - इस भाग में अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 तक आते हैं।
              इस भाग में भारत के मूल अधिकारों की व्याख्या की गई है।

 भाग 4 -  इस भाग में अनुच्छेद 36 से अनुच्छेद 51 तक आतेे हैं।
              इस भाग में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की व्याख्या की गई है।

 भाग 4 (क)- यह 1976 में 42 वें संविधान संशोधन द्वारा अनुच्छेद 51 (क) जोड़ा गया था।
             इस भाग में मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया था।

 भाग 5 - इस भाग में अनुच्छेद 52 से अनुच्छेद 151 तक आते हैं।
             यह भाग संघ सरकार से संबंधित है।

 भाग 6 - इस भाग में अनुच्छेद 152 से अनुच्छेद 237 तक आते हैं।
              यह भाग राज्य सरकार से संबंधित है।

 भाग 7 - इस भाग में अनुच्छेद 238 आता है।
              यह भाग में 1956 में 7 वें संविधान संशोधन से संबंधित है।
              
 भाग 8 - इस भाग में अनुच्छेद 239 से अनुच्छेद 241 तक आते हैं।
             यह भाग संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित है।

 भाग 9 - इस भाग में अनुच्छेद 242 और अनुच्छेद 243 आते हैं।
              यह भाग पंचायतों से संबंधित है।

 भाग 10 - इस भाग में अनुच्छेद 244 और अनुच्छेद 244(क) आतेे हैं।
               यह भाग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति राज्य क्षेत्रों से संबंधित है।

 भाग 11 - इस भाग में अनुच्छेद 245 से अनुच्छेद 263 तक आतेे हैं।
                यह भाग संघ और राज्य के बीच संबंधों से संबंधित है।

 भाग 12 - इस भाग में अनुच्छेद 264 से अनुच्छेद 300 तक आते हैं। 
                यह भाग संपत्ति, संविदायेंं, संपत्ति और वाद विवाद से संबंधित है।

 भाग 13 - इस भाग में अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 307 तक आतेे हैं।
               यह भाग भारतीय राज्य क्षेत्रों के अंदर व्यापार, समागम और वाणिज्य आते हैं।

 भाग 14 - इस भाग में अनुच्छेद 308 से अनुच्छेद 323 तक आते हैं।
                यह भाग संघ और राज्यों के अधीन सेवाओं सेेे संबंधित है।

 भाग 14 (क)- यह भाग 1976 के 42 वेेेे संविधान संशोधन में जोड़ा गया था। इसमें अनुच्छेद 323 (अ) और अनुच्छेद 323 (ब) आते हैं।
               इसमें विवादों और शिकायतों के लिए प्रशासनिक अधिकरण की व्यवस्था की गई है।

 भाग 15 - इस भाग में अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 329 तक आते हैं।
               यह भाग निर्वाचन और निर्वाचन आयोग सेेेे संबंधित है।

 भाग 16 - इस भाग में अनुच्छेद 330 से अनुच्छेद 342 तक आते हैं।
               यह भाग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और एंग्लो भारतीयों के लिए विशेष प्रावधान से संबंधित है।

 भाग 17 - इस भाग में अनुच्छेद 343 से अनुच्छेद 351 तक आते हैं।
                यह भाग भारतीय राजभाषा से संबंधित है।

 भाग 18 - इस भाग में अनुच्छेद 352 से अनुच्छेद 360 तक आतेे हैं।
               यह भाग आपात उपबंध से संबंधित हैै।

 भाग 19 - इस भाग में अनुच्छेद 361 से अनुच्छेद 367 तक आतेे हैं।
               यह भाग विभिन्न विषयों विभिन्न उपबंधों से संबंधित है।

 भाग 20 - इस भाग में अनुच्छेद 368 आता है।
                यह भाग संविधान संशोधन से संबंधित है।

 भाग 21 - इस भाग में अनुच्छेद 369 से अनुच्छेद 392 तक आतेे हैं।
               यह भाग अस्थाई, संक्रमणशील एवं विशेष उपबंधों से संबंधित है।

 भाग 22 - इस भाग में अनुच्छेद 393 से 395 तक आते हैं।

                यह भाग प्रारंभ, संक्षिप्त नाम, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और संविधान से संबंधित है।

Tuesday, 29 January 2019

January 29, 2019

Benifits of green tea

Benefits of green tea.

             नमस्कार दोस्तों, आज हम ग्रीन टी के बारे में चर्चा करेंगे की ग्रीन टी कैसे बनाई जाती है। किस प्रकार लेना उचित है। दिन मेंं कितनी बार हमें ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए और ग्रीन टी के क्या क्या चमत्कारी फायदे होते हैं तो आइए जानते हैं ग्रीन टी के बारे में।
                                               
Benifits of green tea, Benifits of green tea in hindi
Benifits of green tea

  ग्रीन टी कैसे बनाएं-


         मार्केट में बहुत तरीके की ग्रीन टी उपलब्ध है। आप कोई भी ले सकते हैं। ग्रीन टी बनानेेे के लिए हमें सबसे पहले एक या 2 कप पानी लेकर गैस पर उबा लेंगे फिर उसमें ग्रीन टी डालकर कुछ समय 4 से 5 मिनट के लिए ढककर रख देंगे। अब हम ग्रीन टी को कप में निकाल लेंगे। याद रहे ग्रीन टी बहुत ज्यादा कड़वी होती है। आप इसे ऐसे पीना चाहतेे हैं तो अच्छा है। इस में चीनी का प्रयोग नहीं होता है। आप इसमें एक चम्मच शहद का प्रयोग कर सकतेे हैं या 1 नींबूू भी डालकर ले सकते हैं। अब आपकी ग्रीन टी तैयार है।आप इसका सेवन कर सकते हैं।

  ग्रीन टी का सेवन दिन में कितनी बार करें-


       कई लोग 1 दिन में कई बार इसका सेवन करते हैं, जो कि ठीक नहीं है। ग्रीन टी का सही तरीके से फायदा लेने के लिए दिन में इसका ज्यादा से ज्यादा दो बार ही सेेवन करना उचित है।

  ग्रीन टी के क्या फायदे हैं-


       ग्रीन टी के अनेक फायदे हैं। ग्रीन टी के अंदर बहुत अधिक मात्राा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाया जाता है और ग्रीन टी में विटामिन सी पाया जाता है। ग्रीन टी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट हमारेेेे शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है।
    ग्रीन टी का सेवन हर उम्र के लोग कर सकते हैं
    ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
    ग्रीन टी डायबिटीज के मरीजों के लिए एक वरदान जैसा है। डायबिटीज के मरीजोंं को इसका सेवन अवश्य करना चाहिए।
   ग्रीन टी को एंटी कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, ग्रीन टी एंटी कैंसर कारक होने के कारण शरीर को कैंसर कारकों से बचाती है।
   ग्रीन टी शरीर को फिट रखती है।
   ग्रीन टी के कारण मोटापा, वसा कम किया जा सकता है।
   ग्रीन टी के नियमित सेवन से वजन कम किया जा सकता है।
   ग्रीन टी के सेवन से हॉर्ट संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं।
   ग्रीन टी का सेवन करने से blood pressure नियंत्रित रहता है अर्थात ग्रीन टी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में सहायक है।
   ग्रीन टी का सेवन करने से बाल सुंदर रहते हैं।
   ग्रीन टी पीने से मुंह के सभी बैक्टीरिया खत्म होते हैं जिससे मुंह में बदबू जैसी समस्या नहीं आती है।
   ग्रीन टी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानेे में सक्षम है।
   ग्रीन टी का सेवन करने से चेहरे पर चमक आती है।
   ग्रीन टी के सेवन से थकान दूर होती है और शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। ग्रीन टी को उबालकर बालों में लगाने से बालों में चमक आती है, ग्रीन टी बालों केे लिए एक कंडीशनर के रूप में काम करता है।

    ग्रीन टी को पीने का सही समय क्या है-


                 ग्रीन टी को सुबह नाश्ते के समय में पिया जा सकता है, दोपहर के भोजन के आधे घंटे बाद पिया जा सकता है। जिमनास्टिक होते हैं वह एक्सरसाइज करने के आधे घंटे पहले ग्रीन टी का सेवन करते हैं।
         याद रहे ग्रीन टी का सेवन कभी भी देर रात नहीं करना चाहिए इससे अनिद्रा की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
         विश्व में सबसे अधिक ग्रीन टी का उपयोग जापान में किया जाता है।

          आप लोगों को ग्रीन टी पर हमारी यह पोस्ट कैसी लगी हमें कमेंट करकेे जरूर बतााएं और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। क्योंकि हम आपकेेे लिए हेल्थ संबंधी आर्टिकल्स लेकर आते रहते हैंं। धन्यवाद।